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मुझे संविधान क्यों प्यारा है ?
जब देश मे बाबा साहब का संविधान नहीं मनुस्मृति थी तब...
तेली के घर तेली जन्म लेता था।
नाई के घर नाई जन्म लेता था,
सुनार के घर सुनार जन्म लेता था,
लोहार के घर लोहार जन्म लेता था,
धोबी के घर धोबी जन्म लेता है,
और मोची के घर मोची जन्म लेता था ।
बाबा साहब का सँविधान लागू होने के बाद👇👇
अब तेली के घर आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, कमांडेंट, मैनेजर, प्रोफ़ेसर, ऑफिसर, सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री भी जन्म लेता है।
अब नाई के घर इंजीनियर डॉक्टर और अधिकारी जन्म लेता है ।
अब सुनार के घर इंजीनियर डॉक्टर और आईएएस अधिकारी जन्म लेता है ।
अब लोहार के घर इंजीनियर डॉक्टर और आईएएस अधिकारी जन्म लेता है ।
अब धोबी के घर इंजीनियर, डॉक्टर, लेखपाल और आईएएस अधिकारी जन्म लेता है ।
अब मोची के घर इंजीनियर डॉक्टर और आईएएस अधिकारी जन्म लेता है ।
अब तेली के घर इंजीनियर डॉक्टर और आईएएस अधिकारी जन्म लेता है ।
यह तमाम उदाहरण आपके बीच मे मौजूद है । यकीन नहीं तो अपने बाप-दादा से पूछ लें। अब आपको तय करना है कि आप किस व्यवस्था को पसंद करेंगे ?
👉मानवता की संवैधानिक व्यवस्था में अथवा जानवरों की जाति मनु व्यवस्था में ?
क्योंकि जिनके सामने मेजा, मांडा , कोरांव, शंकरगढ़, महेवा घाट , महिला घाट, कड़ा, पडिला, परानीपुर, मुकुंदपुर, रामनगर आदि में कोई खटिया पर नहीं बैठ सकते थे उनके सामने वही लोग आज बड़े बड़े अच्छे पदों पर बैठ रहे हैं
इससे संकुचित मानसिकता वाले लोगों के लिए अपच स्वाभाविक है और इसी संविधान का सहारा लेकर उच्च संवैधानिक पदों पर आसीन वह लोग संविधान को समाप्त करके मनुस्मृति लागू करने के लिए कटिबद्ध हैं ।
फैसला आपके हाथ में है वोट के रूप में और शायद इसीलिए कई लोगों को तकलीफ भी है । याद रहे कि आपका एक गलत फैसला आपको पुरानी व्यवस्था की ओर ले जायेगा ।
इस बार का गलत फैसला हो सकता है कि आखिरी चुनाव का कारण बने ।
अंत में सिर्फ इतना ही कहुंगा कि...
अगर मंदिर में जाने से समस्या हल हो जातीं तो..
ये योगी, प्रज्ञा, साक्षी, निरंजन ज्योति, उमा भारती, जैसे लोग मंदिरों को छोड़ कर विधानसभा-लोकसभा में घुसने के लिये इतनी गुणा-गणित और जुगाड़ न लगातें ।
जय गांधी, जय भीम, जय संविधान, जय भारत
translate english
मुझे संविधान क्यों प्यारा है ?
जब देश मे बाबा साहब का संविधान नहीं मनुस्मृति थी तब...
तेली के घर तेली जन्म लेता था।
नाई के घर नाई जन्म लेता था,
सुनार के घर सुनार जन्म लेता था,
लोहार के घर लोहार जन्म लेता था,
धोबी के घर धोबी जन्म लेता है,
और मोची के घर मोची जन्म लेता था ।
बाबा साहब का सँविधान लागू होने के बाद👇👇
अब तेली के घर आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, कमांडेंट, मैनेजर, प्रोफ़ेसर, ऑफिसर, सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री भी जन्म लेता है।
अब नाई के घर इंजीनियर डॉक्टर और अधिकारी जन्म लेता है ।
अब सुनार के घर इंजीनियर डॉक्टर और आईएएस अधिकारी जन्म लेता है ।
अब लोहार के घर इंजीनियर डॉक्टर और आईएएस अधिकारी जन्म लेता है ।
अब धोबी के घर इंजीनियर, डॉक्टर, लेखपाल और आईएएस अधिकारी जन्म लेता है ।
अब मोची के घर इंजीनियर डॉक्टर और आईएएस अधिकारी जन्म लेता है ।
अब तेली के घर इंजीनियर डॉक्टर और आईएएस अधिकारी जन्म लेता है ।
यह तमाम उदाहरण आपके बीच मे मौजूद है । यकीन नहीं तो अपने बाप-दादा से पूछ लें। अब आपको तय करना है कि आप किस व्यवस्था को पसंद करेंगे ?
👉मानवता की संवैधानिक व्यवस्था में अथवा जानवरों की जाति मनु व्यवस्था में ?
क्योंकि जिनके सामने मेजा, मांडा , कोरांव, शंकरगढ़, महेवा घाट , महिला घाट, कड़ा, पडिला, परानीपुर, मुकुंदपुर, रामनगर आदि में कोई खटिया पर नहीं बैठ सकते थे उनके सामने वही लोग आज बड़े बड़े अच्छे पदों पर बैठ रहे हैं
इससे संकुचित मानसिकता वाले लोगों के लिए अपच स्वाभाविक है और इसी संविधान का सहारा लेकर उच्च संवैधानिक पदों पर आसीन वह लोग संविधान को समाप्त करके मनुस्मृति लागू करने के लिए कटिबद्ध हैं ।
फैसला आपके हाथ में है वोट के रूप में और शायद इसीलिए कई लोगों को तकलीफ भी है । याद रहे कि आपका एक गलत फैसला आपको पुरानी व्यवस्था की ओर ले जायेगा ।
इस बार का गलत फैसला हो सकता है कि आखिरी चुनाव का कारण बने ।
अंत में सिर्फ इतना ही कहुंगा कि...
अगर मंदिर में जाने से समस्या हल हो जातीं तो..
ये योगी, प्रज्ञा, साक्षी, निरंजन ज्योति, उमा भारती, जैसे लोग मंदिरों को छोड़ कर विधानसभा-लोकसभा में घुसने के लिये इतनी गुणा-गणित और जुगाड़ न लगातें ।
जय गांधी, जय भीम, जय संविधान, जय भारत
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